किसी भी चीज की लत लग जाने को मनोविज्ञान की भाषा में ‘एडिक्शन’ कहा जाता है। अक्सर लोगों में शराब, दवाओं और खाने की लत देखी जाती है लेकिन कुछ लोगों में यौन क्रियाओं या सेक्स के प्रति बहुत प्रति एडिक्शन हो जाता है। इस तरह के एडिक्शन को हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के नाम से जाना है। यह भी एक प्रकार का मानसिक विकार है यह व्यक्ति के मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक बदलावों के कारण देखने को मिलता है। आइए जानते हैं कि इस तरह के मानसिक विकार के करणों और लक्षणों के साथ-साथ इसके उपचार के बारे में।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के कारण:
बायोकेमिकल उतारचढ़ाव:
इस तरह का विकार मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक बदलावों के कारण होता है। हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर भी व्यक्ति के मस्तिष्क में पाए जाने वाले न्यूरोट्रांसमीटर के अंतर्गत आये जाने वाले हार्मोन्स जैसे- डोपामाइन, सेरोटोनिन और न्यूरोपाइनफ्रिन में आने वाले बदलावों के कारण देखने को मिलता है। इन तीनों रसायनों की अधिकता होने पर व्यक्ति के भीतर सेक्स संबंधित विचारों का अंबार लग आता है।
चिकित्सीय अवस्था:
कई ऐसी चिकित्सीय अवस्थाएं होती है, जिसमें व्यक्ति के दिमाग के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जिसके कारण हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर होने की संभावना होती है।
हार्मोन्स:
महिला हो या पुरुष दोनों में ही सेक्स सम्बंधित हार्मोन्स होते हैं, जिन्हें एंड्रोजन के नाम से जाना जाता है। एंड्रोजन व्यक्ति के लिबिडो और व्यक्ति में सेक्स के प्रति रुझान को बढ़ाने का काम करता है। लेकिन इस तरह के हार्मोन्स के बढ़ जाने पर व्यक्ति के भीतर सेक्स जैसे विचारों को बढ़ा देता है।
बचपन में हुए दुर्व्यवहार के कारण:
कई बार व्यक्ति के साथ बचपन में हुए दुर्व्यवहार के कारण व्यक्ति के दिमाग में बहुत से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं जिसके कारण व्यक्ति में व्यस्क होने पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इस तरह का मानसिक विकार देखने को मिलता हैं।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के होने के लक्षण:
अत्यधिक हस्तमैथुन:
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर से पीड़ित में अत्यधिक हस्तमैथुन की आदत लग जाती है। इस तरह का लक्षण इसके शुरूआती दौर में नजर आने लगता है। इसके साथ व्यक्ति अन्य तरह के यौन क्रियाएं करता है।
हमेशा सेक्स के बारें में सोचना:
इस तरह के मानसिक विकार में व्यक्ति हर वक्त सिर्फ और सिर्फ सेक्स के बारे में सोचने लगता है।
अश्लील फिल्मों को बहुत ज्यादा मात्रा में देखना :
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर में व्यक्ति को सेक्स के प्रति एडिक्शन हो जाता है जिसे कम करने के लिए व्यक्ति अश्लील फिल्मों और तस्वीरों के सहारे इस तरह के एडिक्शन को कम करने की कोशिश करता है।
एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचना:
ऐसे में व्यक्ति अपने साथी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी सम्बन्ध बनाने के बारे में सोचने लगता है। ऐसा करना काफी खरतनाक हो सकता है, इससे कई तरह के यौन संचारित रोग होने की संभावना होती है।
हाइपरसेक्सुअल डिसऑर्डर के होने का उपचार:
इस तरह के मानसिक विकार को ठीक किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति के मन-मस्तिष्क से इस तरह के विचारों और भावनाओं को कम करने के लिए साइकोथेरेपी, जिसमें ग्रुप और फैमली आधारित थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इसके साथ ही दवाओं का भी सहारा लिया है। कई बार इस तरह के विकार के उपचार के लिए मनोचिकित्सक काउसिलिंग की मदद भी लेता है।
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