निरोगी और खूबसूरत काया के लिए आवश्यक है प्रतिदिन नहाना। नहाते समय यदि कुछ बातों को जहन में रखा जाए तो निरोगी और खूबसूरत काया के साथ- साथ बहुत से शुभ फलों की प्राप्ति भी की जा सकती है जैसे लक्ष्मी कृपा, कुशाग्र बुद्धि और चमकती दमकती त्वचा। सुबह सवेरे सूरज के उगने से पहले तारों की छाया में नहाने से अलक्ष्मी, परेशानियों और बुरी शक्तियों से मुक्ति पाई जा सकती है। नहाते समय गुरू मंत्र, स्तोत्र, कीर्तन, भजन या भगवान के नाम का जाप करें ऐसा करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है।
आज के बदलते परिवेश में लोग खा पीकर स्नान करते हैं जो कि शास्त्रों के अनुरूप नहीं है। नहाने की एक विशेष विधि है। सर्वप्रथम स्नान करते समय सिर पर पानी डालें बाद में पूरे शरीर पर। इसके पीछे अध्यात्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी हैं। ऐसे नहाने से सिर और शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों के माध्यम से निकल जाती है।
त्वचा की सफाई का काम स्नान ही करता है। योग और आयुर्वेद में स्नान के प्रकार और फायदे बताए गए हैं। बहुद देर तक और अच्छे से नहाने से थकान और तनाव तो घटता ही है वहीं यह मन को प्रसन्न कर स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायी सिद्ध होता है।
ज्योतिष के अनुसार प्रतिदिन काले तिल मिला कर नहाना एक प्राचीन उपाय है जिसे करने वाले व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है, दरिद्रता उससे कोसो दूर भागती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
प्रातःकाल किया गया स्नान असीम सुख देने वाला माना गया है। रात्रि को सोते वक्त कुछ लोगों के मुंह से निरंतर लार टपकती रहती है, जिससे पूरा शरीर अशुद्ध हो जाता है। ऐसे लोगों को प्रातकाल: उठते ही स्नान कर लेना चाहिए।